भारतीय कार बाज़ार में जब एक आम आदमी अपनी पहली कार या एक बजट-फ्रेंडली फैमिली कार खरीदने की सोचता है, तो उसके सामने सबसे पहला नाम मारुति सुजुकी का आता है। और इस सेगमेंट में, दो गाड़ियाँ हमेशा खरीदारों को दुविधा में डालती हैं - सदाबहार वैगनआर (WagonR) और स्टाइलिश सेलेरियो (Celerio)।
दोनों ही कारें मारुति के भरोसे, बेहतरीन माइलेज और कम मेंटेनेंस खर्च का वादा करती हैं। लेकिन सवाल यह है कि आपके परिवार और आपकी ज़रूरतों के लिए इन दोनों में से कौन सी कार सबसे बेहतर है? आइए, हर पहलू पर इन दोनों की तुलना करते हैं और जानते हैं कि कौन है असली "बजट किंग"।
1. डिज़ाइन और लुक
2. इंजन और परफॉरमेंस
दोनों ही कारों में मारुति का नया 1.0-लीटर K10C डुअलजेट पेट्रोल इंजन मिलता है, जो लगभग 66 bhp की पावर और 89 Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। शहर में चलाने के लिए दोनों ही कारों का परफॉरमेंस लगभग एक जैसा और काफी अच्छा है। दोनों में 5-स्पीड मैनुअल और AGS (ऑटो गियर शिफ्ट) का विकल्प मिलता है।
बड़ा अंतर: वैगनआर में एक और शक्तिशाली 1.2-लीटर इंजन का विकल्प भी मिलता है, जो ज़्यादा पावर (लगभग 89 bhp) देता है। अगर आप अक्सर हाईवे पर सफर करते हैं या आपको थोड़ी ज़्यादा पावरफुल गाड़ी चाहिए, तो वैगनआर का यह वेरिएंट एक बड़ा प्लस पॉइंट है।
3. स्पेस और प्रैक्टिकैलिटी
यह वह जगह है जहाँ वैगनआर बाज़ी मार ले जाती है।
4. माइलेज और CNG
माइलेज बजट कार खरीदारों के लिए सबसे अहम होता है।
दोनों ही कारों में कंपनी-फिटेड CNG किट का विकल्प भी उपलब्ध है, जो 34 km/kg से ज़्यादा का शानदार माइलेज देती हैं। माइलेज के मामले में दोनों ही कारें चैंपियन हैं, लेकिन कागज़ पर सेलेरियो थोड़ी सी बेहतर है।
5. फीचर्स और इंटीरियर
दोनों कारों के टॉप मॉडल्स में आपको 7-इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम (स्मार्टप्ले स्टूडियो), एप्पल कारप्ले, एंड्राइड ऑटो, स्टीयरिंग पर लगे ऑडियो कंट्रोल्स, और पावर विंडो जैसे फीचर्स मिल जाते हैं। सेलेरियो का डैशबोर्ड डिज़ाइन थोड़ा ज़्यादा मॉडर्न लगता है और इसके टॉप वेरिएंट में पुश-बटन स्टार्ट/स्टॉप जैसा फीचर भी मिलता है, जो इसे थोड़ा प्रीमियम फील देता है।
अंतिम निर्णय: आपके लिए कौन सी कार है बेहतर?
इसका जवाब आपकी प्राथमिकता पर निर्भर करता है।
आप वैगनआर (WagonR) चुनें, अगर:
आप सेलेरियो (Celerio) चुनें, अगर:
संक्षेप में, वैगनआर प्रैक्टिकैलिटी का राजा है, तो सेलेरियो स्टाइल और माइलेज की रानी है। हमारी सलाह यही होगी कि कोई भी फैसला लेने से पहले दोनों कारों की टेस्ट ड्राइव ज़रूर लें और खुद महसूस करें कि कौन सी कार आपकी ड्राइविंग स्टाइल और ज़रूरतों पर खरी उतरती है।