भारत में इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने की सोच रहे हैं इन 5 जरूरी बातों का रखें ध्यान!

  • Source: TestDriveGuru
  • Posted by: TestDriveGuru
  • November 17, 2025
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भारत में पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), खासकर इलेक्ट्रिक बाइक्स और स्कूटरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ये न केवल आपके पैसे बचाते हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर हैं। लेकिन बाजार में इतने सारे विकल्पों के साथ, अपने लिए सही इलेक्ट्रिक बाइक चुनना एक मुश्किल काम हो सकता है।

अगर आप भी एक नई इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। एक सही निर्णय लेने में आपकी मदद करने के लिए, हमने 5 सबसे महत्वपूर्ण कारकों की एक सूची तैयार की है, जिन पर आपको विचार करना चाहिए।

1. रेंज (Range): एक बार चार्ज में कितनी दूर?

यह किसी भी इलेक्ट्रिक बाइक को खरीदने से पहले विचार करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है। रेंज का मतलब है कि बाइक एक बार फुल चार्ज होने पर कितने किलोमीटर तक चल सकती है।

  • अपनी जरूरत को समझें: पहले यह गणना करें कि आप रोजाना औसतन कितने किलोमीटर की यात्रा करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपका ऑफिस घर से 15 किलोमीटर दूर है, तो आपकी दैनिक यात्रा 30 किलोमीटर हुई।
  • बफर लेकर चलें: हमेशा कंपनी द्वारा बताई गई रेंज से थोड़ी कम वास्तविक रेंज मानकर चलें, क्योंकि ड्राइविंग स्टाइल, सड़क की स्थिति और बाइक पर वजन जैसे कारक रेंज को प्रभावित करते हैं। इसलिए, यदि आपकी दैनिक यात्रा 30-40 किमी है, तो कम से कम 70-80 किमी की प्रमाणित रेंज वाली बाइक चुनें।

2. बैटरी (Battery): ई-बाइक का दिल

बैटरी एक इलेक्ट्रिक बाइक का सबसे महंगा और महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसलिए, बैटरी से जुड़ी इन बातों पर विशेष ध्यान दें:

  • बैटरी का प्रकार: आजकल ज्यादातर इलेक्ट्रिक बाइक्स में लिथियम-आयन (Lithium-ion) बैटरी का इस्तेमाल होता है। यह हल्की होती हैं, इनकी लाइफ ज्यादा होती है और ये तेजी से चार्ज होती हैं। लेड-एसिड (Lead-acid) बैटरी से बचें क्योंकि वे भारी और पुरानी तकनीक हैं।
  • चार्जिंग का समय: जांचें कि बैटरी को 0 से 100% तक चार्ज होने में कितना समय लगता है। कुछ बाइक्स फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती हैं, जो एक बहुत बड़ा फायदा हो सकता है।
  • फिक्स्ड या रिमूवेबल बैटरी: यदि आप एक अपार्टमेंट में रहते हैं जहाँ चार्जिंग पॉइंट उपलब्ध नहीं है, तो रिमूवेबल (हटाने योग्य) बैटरी वाली बाइक आपके लिए सबसे अच्छी है। आप बैटरी को निकालकर घर में कहीं भी चार्ज कर सकते हैं।
  • बैटरी वारंटी: बैटरी पर मिलने वाली वारंटी की जाँच अवश्य करें। आमतौर पर कंपनियां 3 साल या নির্দিষ্ট किलोमीटर की वारंटी देती हैं।

3. कीमत और सरकारी सब्सिडी (Price and Government Subsidy)

इलेक्ट्रिक बाइक्स पेट्रोल वाली बाइक्स की तुलना में थोड़ी महंगी हो सकती हैं, लेकिन लंबे समय में यह बहुत पैसा बचाती हैं।

  • अपना बजट तय करें: पहले अपना बजट निर्धारित करें। भारत में इलेक्ट्रिक बाइक्स की कीमत लगभग ₹70,000 से शुरू होकर ₹2 लाख या उससे अधिक तक जाती है।
  • सरकारी सब्सिडी: भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए FAME-II (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) योजना के तहत सब्सिडी प्रदान करती है। इसके अलावा, कई राज्य सरकारें भी अपनी ओर से अतिरिक्त छूट देती हैं। बाइक खरीदने से पहले यह पता कर लें कि आपके चुने हुए मॉडल पर कितनी सब्सिडी मिल रही है और अंतिम ऑन-रोड कीमत क्या होगी।

4. परफॉर्मेंस और स्पीड (Performance and Speed)

आपकी बाइक की परफॉर्मेंस आपकी जरूरतों पर निर्भर करती है।

  • लो-स्पीड बनाम हाई-स्पीड: बाजार में दो तरह की इलेक्ट्रिक बाइक्स हैं। लो-स्पीड बाइक्स की टॉप स्पीड 25 किमी/घंटा होती है और इन्हें चलाने के लिए लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होती है। ये शहर के अंदर छोटे-मोटे कामों के लिए अच्छी हैं। वहीं, हाई-स्पीड बाइक्स की गति 45 किमी/घंटा से लेकर 100+ किमी/घंटा तक होती है और इनके लिए लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और बीमा अनिवार्य है।
  • मोटर पावर: मोटर की पावर वॉट (Watt) में मापी जाती है। अधिक पावरफुल मोटर बेहतर पिकअप और चढ़ाई पर बेहतर प्रदर्शन प्रदान करती है। अपनी जरूरत के अनुसार सही मोटर पावर वाली बाइक चुनें।

5. आफ्टर-सेल्स सर्विस और मेंटेनेंस (After-Sales Service and Maintenance)

यह एक ऐसा कारक है जिसे लोग अक्सर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण है। एक अच्छी बाइक खरीदना ही काफी नहीं है, उसकी सर्विसिंग और रखरखाव भी उतना ही जरूरी है।

  • सर्विस सेंटर नेटवर्क: सुनिश्चित करें कि जिस ब्रांड की बाइक आप खरीद रहे हैं, उसका सर्विस सेंटर आपके शहर या आस-पास के क्षेत्र में उपलब्ध हो।
  • पार्ट्स की उपलब्धता: यह भी पता करें कि बाइक के स्पेयर पार्ट्स आसानी से उपलब्ध हैं या नहीं।
  • मेंटेनेंस लागत: हालांकि इलेक्ट्रिक बाइक्स का रखरखाव पेट्रोल बाइक्स की तुलना में बहुत कम होता है, फिर भी समय-समय पर ब्रेक, टायर और बैटरी की जांच कराना आवश्यक है। सर्विसिंग की लागत के बारे में पहले से जानकारी ले लें।